Thursday, October 28, 2010

मुकेश अम्बानी का ५००० करोड़ का महल - आज टेलीविजन पर विशेष समाचार था की मुकेश अम्बानी ने पांच हजार करोड़ की लगत से तेईस मंजिला महल
बनवाया है | खबर बड़ी अच्छी है की हमारे देश के उद्योगपति ने इतना आलीशान घर बनवाया है , परन्तु न जाने क्यों मुझे इससे प्रसन्नता नहीं हुई | जिस देश की आधी अ
आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही हो , करोड़ों लोग दो जून की रोटी के लिए मुंहताज हों , उस देश का एक व्यक्ति अपनी शान शौकत के लिए इतना अपव्यय
अपव्यय करे , ये बात गले से नहीं उतरती | आप कहेंगे की अम्बानी का कमाई का पैसा है जिसपर इनकम टैक्स भी दिया गया होगा अतः आपत्ति क्या और क्यों है |
यही तो विचारणीय प्रश्न है कि इस प्रजातान्त्रिक प्रलाली में ऐसा क्यों है कि एक व्यक्ति हजारों करोड़ कमा सकता है और दूसरा अपने खाने लायक भी नहीं | क्या हमारी
नीतियों में बदलाव करने की आवश्यकता नहीं है की ऐसा हो ही न पाए | क्या अम्बानी भी के हजार हाथ हैं ?

Monday, October 18, 2010

anubhav

आजकल में अमेरिका में हूँ .यहाँ की कुछ चीजों ने मुझे बहुत प्रभवित किया है | एक तो साफ सफाई इतनी है की कहीं भी गन्दगी या कूड़ा करकट पड़ा नहीं दीखता है |
मार्निंग वाक पर जाते समय रस्ते में जो भी मिलता है अभिवादन जरूर करता है , यहाँ तक की कर से जाते लोग भी हाथ से इशारा करके विश करते हुए जाते हैं | जबकि हमारे यहाँ तो परिचित भी कभी कभी मुंह मोड़कर निकल जाते हैं |