Saturday, September 11, 2010

kashmeer issue

कश्मीर की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है. हमारे नेताओं ने इस समस्या को हल करने में जो गलतियाँ कीं थीं उनका दुष्परिणाम सामने आरहा है. वहां के लोगों को इतनी सारी सुविधाएँ देने के बावजूद इस प्रकार का रवैया चिंताजनक है. अब सख्त कदम उठाने के अतिरिक्त कोइ विकल्प शेष नहीं रहता है vichar aamantrit hain.

1 comment:

  1. आचार्य परसुराम की प्रस्तुति पढी . बहुत विद्वतापूर्ण प्रस्तुति है. पढ़कर प्रसन्नता हुई.

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