Tuesday, January 12, 2010
वीरेंदर सहवाग के साथ अन्याय
सहवाग जैसे जीनियस खिलाड़ी को किसी दुर्भावना से बाहर बिठाल देना उसके साथ बहुत बड़ा अन्याय है । जिस गति से वह रन बनाता है उससे टीम पर से रनगति को कायम रखने का दबाब हट जाता है। एक दिवसीय क्रिकिटमें चालीस रन पच्चीस गेदों में बनाना सत्तर रन अस्सी गेदों में बनाने से कहीं अच्छा है। जो खिलाड़ी अपने रिकार्ड बनाने के लिए खेलते है उनसे सहवाग की तुलना केवल औसत के आधार पर करना नाइंसाफी है। भारतीय टीम में कौनसा ऐसा खिलाड़ी है जिसका स्ट्राइक रेट सौ से अधिक हो।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment