विनाश का आमंत्रण
भूकंप जनित सुनामी
आई लेकर विनाश
उगते सूरज के देश जापान में
बिन बुलाये मेहमान की तरह
अत्यधिक विकास बन गया जनक
अत्यधिक विनाश का
भूकंप ने डहा दिये परमाणु रियक्टर
परमाणु विद्युत रूपी वरदान
बन गया अभिशाप
उगते सूरज के देश जापान में
क्षतिग्रस्त रियक्टरों से निकलता विकरण
विनाश के आगमन का संकेत
तो क्या मानव स्वयं ही खोद रहा है
विनाश का भयावह गर्त
जिसमें गिरकर समाप्त तो नहीं होने वाला
मानव सभ्यता का अस्तित्व
पहाड़ की ढलान से गिरते चौपहिये की तरह
क्या मनुष्य चल पड़ा है विनाश की डगर पर
परमाणु ऊर्जा रूपी भस्मासुर कर न दे भस्म
जीती जागती मानव सभ्यता को
परमाणु बम परमाणु रियक्टर कहीं नृत्य तो नहीं
भस्मासुर का
सिर पर आने को तो नहीं हाथ उसका
विनाश का आमंत्रण
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