Wednesday, June 21, 2017

गत सप्ताह हम नियाग्रा फाल देखने गए थे । यह अमेरिका व कनाडा की सीमा पर स्थित है । हम जहां रुके हैं वहां से यह लगभग 550 किमी दूर है । यात्रा सड़क के रास्ते की थी । मर्सडीज एस यू बी में बच्चों सहित कुल छः लोग थे । टोलीडो से सीधा हाईवे नियाग्रा  जाता है जो टोल रोड है । रोड की हालत बहुत अच्छी है । दोनों ओर हरे भरे वृक्षों की श्रृंखला यात्रा को सुहावना बना रही थी । यूएस में पेड़ पौधे बहुतायत में हैं इसलिए मनोरम  दृश्य दिखाई देता है  । हमारे पास ईजी कार्ड था इसलिए किसी भी टोल पर रुकना नहीं पड़ता था । कार की स्पीड थोड़ी कम होती और कार में आगे रखा ईजी कार्ड स्वतः स्कैन होजाता और टोल शुल्क का भुगतान होकर बैरियर अपने आप खुल जाता था । यह पूरी प्रक्रिया इतनी शीघ्र होती कि गाड़ी रोकनी नहीं पड़ती थी । यह ईजी कार्ड बैंक खाते से लिंक होजाता है और निर्देशित सीमा तक की धनराशि के लिये स्वतः रिचार्ज होजाता है । इससे समय की बचत तो होती ही है किसी भी टोल नाके पर लाइन भी नहीं लगती । मुझे लगता है अपने देश में भी इसे शीघ्र शुरू करने की आवश्यकता है ।
                       नियाग्रा फाल यूएस व कनाडा दोनों देशों का प्रसिद्ध टूरिस्ट पॉइंट है जो दो बड़ी झीलों को लिंक करता है । यह विश्व का सबसे विशाल वाटर फाल है जिसमें प्रति सेकंड 4 से 5 मिलियन गैलन पानी बह जाता है ऐसा बताया जाता है । इससे आप इसकी विशालता का अनुमान लगा सकते हैं । पानी एक दम  साठ सत्तर फ़ीट नीचे गिरता है जिससे एक विशाल झरना बन जाता  है । दोनों देशों की ओर से लोग मोटर बोट से झरने के पास तक  जाते हैं और पानी की बौछारों का आनंद लेते हैं । पानी के अंदर कुछ समय के लिए तो हम बिना पासपोर्ट के ही कनाडा की सीमा से गुजर गए थे । वहां से कनाडा के नियाग्रा सिटी की ऊंची ऊंची बिल्डिंग साफ दिखाई देती हैं जिनकी फोटोग्राफी भी की जा सकती है ।
                       यूएस के सिटीजन कनाडा की सीमा में और कनाडा के सिटीजन यूएस की सीमा में फ्रीली आ जा सकते हैं इसके लिए बीजा की आवश्यकता नहीं होती । नियाग्रा फाल देखने आने वालों में भारतीय मूल के लोगों की अच्छी खासी संख्या होती है क्योंकि कनाडा में भारतीयों की बड़ी उपस्थिति है और  यूएस में रहने वाले लोग भी भारत से आने वाले रिस्तेदारों को नियाग्रा फाल दिखाने अवश्य लेजाने का प्रयास करते हैं । जब मैं वहां स्थित घास के पार्क में बैठा था  तो मुझे एक भारतीय युवक दिखाई दिया । वार्तालाप में पता चला कि वह तमिलनाडु से है और कनाडा से मित्र मंडली के साथ घूमने आया है  ।  कनाडा में वह किसी it कम्पनी में जॉब करता है । दूसरी ओर से उसके यूएस में रहने वाले मित्र भी आये हैं । दोनों देशों में रहने वाले मित्रों को मिलने का यह उत्तम स्थान है । मैंने  हिंदी में बात की तो वह समझ तो गया पर जबाब अंग्रेजी में देते हुए बोला कि मैं हिंदी नहीं जानता हूँ ।  तब मैने उससे अंग्रेजी में बात की । यद्यपि मैं  अंग्रेजी में बहुत दक्ष नहीं हूँ पर सोच सोच कर बात कर ही लेता हूँ । हां समझने में कोई परेशानी नहीं थी क्योंकि बात भारतीय से हो रही थी । अमेरिकन लोगों अंग्रेजी  समझने में तो दिक्कत होती है क्योंकि  उनका उच्चारण कुछ अलग तरह   का होता है । बात  करने पर पता  चला कि उसके मां बाप भारत में ही अकेले रहते हैं जो हर वर्ष गर्मियों में दो  तीन  महीने के लिए कनाडा आते हैं पर आग्रह के बाबजूद वे कनाडा में ही रहने के लिए सहमत नहीं होते । उनका मन नहीं लगता है । उसने बताया कि कनाडा के शहरों में तो बीस से तीस प्रतिशत लोग भारतीय मूल के रहते हैं इसलिए भारतीय खान पान आसानी से उपलब्ध है  और सोसल माहौल भी उसी तरह का  बना लेते हैं , पर फिरभी माता पिता का मन अधिक नहीं लगता है  क्योंकि उनका कहना है कि अपना वतन तो अपना ही होता है ।

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