Monday, March 21, 2011

विनाश का आमंत्रण
भूकंप जनित सुनामी
आई लेकर विनाश
उगते सूरज के देश जापान में
बिन बुलाये मेहमान की तरह
अत्यधिक विकास बन गया जनक
अत्यधिक विनाश का
भूकंप ने डहा दिये परमाणु रियक्टर
परमाणु विद्युत रूपी वरदान
बन गया अभिशाप
उगते सूरज के देश जापान में
क्षतिग्रस्त रियक्टरों से निकलता विकरण
विनाश के आगमन का संकेत
तो क्या मानव स्वयं ही खोद रहा है
विनाश का भयावह गर्त
जिसमें गिरकर समाप्त तो नहीं होने वाला
मानव सभ्यता का अस्तित्व
पहाड़ की ढलान से गिरते चौपहिये की तरह
क्या मनुष्य चल पड़ा है विनाश की डगर पर
परमाणु ऊर्जा रूपी भस्मासुर कर न दे भस्म
जीती जागती मानव सभ्यता को
परमाणु बम परमाणु रियक्टर कहीं नृत्य तो नहीं
भस्मासुर का
सिर पर आने को तो नहीं हाथ उसका
विनाश का आमंत्रण

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