Wednesday, December 9, 2009

राम जन्मभूमि व बाबरी मस्जिद का मुद्दा आजकल फ़िर गरमाया हुआ है लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट में नया कुछ भी नहीं है परन्तु राजनीतिक दल उसे अपने अपने दृष्टिकोण से देख रहे हैं। सही बात कीजाय तो अयोध्या में उस स्थान पर मस्जिद होने न होने का कोई महत्व नहीं है । हिन्दुओं के लिए वह स्थान पौराणिक मान्यता के अनुसार उनके आराध्य राम से जुड़ा हुआ है। अतः वहां राम मन्दिर बनवाने के लिए ख़ुद मुसलमानों को आगे आकर दरियादिली दिखानी चाहिए । वह कोई छुपा हुआ सत्य नहीं है की हिन्दुओं के सर्वाधिक महत्वपूर्ण तीर्थस्थानों पर पूर्व में कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम शासकों ने तोड़फोड़ की थी । परन्तु वोट की राजनीती ने इस मुद्दे को इतना संवेदनशील बना दिया है कि अब दोनों तबके इसे नाककी लड़ाई मानने लगे है। परन्तु तार्किक दृष्टि से बिना लागलपेट के कहा जाय तो यह हिन्दुओं के साथ अल्पसंख्यक मुसलामानों की ज्यादती है।

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